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इश्क में यूँ लाखों फसाने हुए
यूँ ही नहीं हम दीवाने हुए
खुद से मिले एक अरसा हुआ
जाने कहाँ तेरे ठिकाने हुए
जर
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इश्क में यूँ लाखों फसाने हुए
यूँ ही नहीं हम दीवाने हुए
खुद से मिले एक अरसा हुआ
जाने कहाँ तेरे ठिकाने हुए
जर
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