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जाबांज परिंदे

Manju SharmaManju Sharma April 27, 2023
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बिखर गए थे कुछ तिनके

उनके आशियानों के

कुम्हला गए मासूम चेहरे

उनके नौनिहालों के


पत्ते सभी गिरने लगे

हरियाली छाँव छोड़ के

निर्वस्त्र सी डालों पर थे डटे

हौसले जांबाज़ परिंदों के।


मं शर्मा (रज़ा)

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