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इल्ज़ाम मेरे सिर भी था
लेकिन मैं गुनहगार न था
लाख कहा मुझे बख्श दो
लेकिन फिर भी जीना पड़ा।
मं शर्मा(रज़ा)
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इल्ज़ाम मेरे सिर भी था
लेकिन मैं गुनहगार न था
लाख कहा मुझे बख्श दो
लेकिन फिर भी जीना पड़ा।
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