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उसने स्त्री होना स्वीकार किया
तो तुम पुरूष कहलाए
बल ताकत के दम पर
तुम बहुत इतराए
उसने चाहा तुम संग
अपना जीवन जीना
मत भूलो उसकी इजाजत से ही
तुमने सारे अधिकार पाए।
मं शर्मा( रज़ा)
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उसने स्त्री होना स्वीकार किया
तो तुम पुरूष कहलाए
बल ताकत के दम पर
तुम बहुत इतराए
उसने चाहा तुम संग
अपना जीवन जीना
मत भूलो उसकी इजाजत से ही
तुमने सारे अधिकार पाए।
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