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एक हुजूम था संग मेरे पिछली बहार में
ग़मे दौरां में अज़ीज भी किनारा कर गए ।
मं शर्मा (रज़ा)
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एक हुजूम था संग मेरे पिछली बहार में
ग़मे दौरां में अज़ीज भी किनारा कर गए ।
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