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तुमसे मिलने की खुशी
ना बिछड़ने का कोई ग़म
दिल को समझाया है
नहीं मिले कभी हम तुम।
मं शर्मा( रज़ा)
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ना बिछड़ने का कोई ग़म
दिल को समझाया है
नहीं मिले कभी हम तुम।
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