Share0 Bookmarks 47302 Reads0 Likes
ज़ख्मों का हिसाब क्या रखना
दोस्तों से किनारा कर लीजिए
दिल फिर भी धड़के सीने में
धड़कनों को ही बहला दीजिए <
No posts
No posts
No posts
No posts
ज़ख्मों का हिसाब क्या रखना
दोस्तों से किनारा कर लीजिए
दिल फिर भी धड़के सीने में
धड़कनों को ही बहला दीजिए <
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments