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कदम कदम पर मेले थे
फिर भी हम अकेले थे
समय धारा में प्रवाह न था
बस लहरों के थपेड़े थे
दुनिया के नीरस मेले में
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कदम कदम पर मेले थे
फिर भी हम अकेले थे
समय धारा में प्रवाह न था
बस लहरों के थपेड़े थे
दुनिया के नीरस मेले में
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