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एक दूजे के साथ चलें हम
एक दूजे का अहसास लिए
कुछ तुम कहो कुछ हम कहें
एक दूजे का सम्मान लिए
भव सागर से मोती चुन लें
कुछ अपने कुछ तेरे लिए
कुछ तुम बदलो कुछ मैं बदलूँ
एक दूजे के साथ के लिए।
मं शर्मा (रज़ा)
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