
Share0 Bookmarks 5 Reads0 Likes
दिल की धड़कनों
धड़का करो
मेरी बेताबियों का
सबब न बनो
मैं अपने मन की भी
नहीं सुन रहा हूँ
मुझे अपना राग मत
सुनाया करो।
मं शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
दिल की धड़कनों
धड़का करो
मेरी बेताबियों का
सबब न बनो
मैं अपने मन की भी
नहीं सुन रहा हूँ
मुझे अपना राग मत
सुनाया करो।
मं शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments