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ढल गयी है उम्र ढलते ढलते
थमने लगे कदम चलते चलते
रूह को थोड़ा आराम मिल जाए
थक गई होगी जिस्म ढोते ढोते ।
मं शर्मा(रज़ा)
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ढल गयी है उम्र ढलते ढलते
थमने लगे कदम चलते चलते
रूह को थोड़ा आराम मिल जाए
थक गई होगी जिस्म ढोते ढोते ।
मं शर्मा(रज़ा)
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