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जब दिलों में फरेब न था
चाहतों से गुरेज़ न था
जिंदगी से शिकायतें न थीं
वक्त की भी बंदिशें न थीं
न इश्क की रूसवाईयां थीं
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जब दिलों में फरेब न था
चाहतों से गुरेज़ न था
जिंदगी से शिकायतें न थीं
वक्त की भी बंदिशें न थीं
न इश्क की रूसवाईयां थीं
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