चुपके से's image
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अहसास नहीं बाकी कोई

अब फर्क न कोई पड़ता है

जाने कितना इसके जैसों का

दिल में आना जाना रहता है 


अब किस किसका रोना रोएँ

किस किसका हिसाब रखें

चुपके से पहलू में आ बैठा

फिर कोई दर्द पुराना लगता है।


मं शर्मा (रज़ा)

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