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विनम्रता को कमजोरी समझे
सहिष्णुता को मजबूरी
मान मर्यादा की रीत न जाने
प्रेम के दुश्मन व्यभिचारी
चेहरे पर चेहरा लगाए फिरते
ईमान बेचते व्यापारी
वो निकले हिंसक प्रवृति वाले
हिंसा उनकी लाचारी।
मं शर्मा( रज़ा)
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