चंचल मन's image
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मन चंचल है

क्या अड़चन है

आशा के पंख लगा

उड़ जाने दे


सामने रण है

उम्मीद की किरण है

रोक न मन को

पंख फड़फड़ाने दे


क्या भ्रम है

विशाल गगन है

मन की शंका का

निवारण होने दे।


मं शर्मा (रज़ा)

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