
Share0 Bookmarks 15 Reads0 Likes
याद नहीं हो भूली बिसरी
तुम जीवन का हिस्सा हो
कैसे भूल सकता हूँ तुमको
कण कण में बावस्ता हो
मेरी आशा मेरी निराशा
सब कुछ तुम पर आश्रित है
तेरा सुमिरन मेरा जीवन
मेरे वजूद का हिस्सा हो ।
मं शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments