Share0 Bookmarks 43439 Reads0 Likes
कहीं खिली धूप सुनहरी
कहीं स्याह अंधेरा छाया है
भाग्य दुर्भाग्य कहने की बातें
क्या अंधेरा क्या उज
No posts
No posts
No posts
No posts
कहीं खिली धूप सुनहरी
कहीं स्याह अंधेरा छाया है
भाग्य दुर्भाग्य कहने की बातें
क्या अंधेरा क्या उज
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments