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हँस के कहा कभी
हँसी में टाल दिया
कभी मान लिया
कभी मनवा लिया
बेसबब रूठ कर
क्या हासिल हुआ
कभी झुक गया
कभी समझा दिया
कुछ आज जीया
कुछ कल जी लिया
सफर जिंदगी का
कुछ यूँ तय किया।
मं शर्मा (रज़ा)
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