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सूखे अधर
बेचैन नयन
अस्फुट स्वर
कातर बैन
आकुल हिय
व्याकुल मन
चलो सखी
पिया मिलन।
मं शर्मा (रज़ा)
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सूखे अधर
बेचैन नयन
अस्फुट स्वर
कातर बैन
आकुल हिय
व्याकुल मन
चलो सखी
पिया मिलन।
मं शर्मा (रज़ा)
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