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समय के तांडव पर
थिरकते जीवन
बारिश की बूँदों को
तरसते सावन
किसने किया इतना
शुष्क आयोजन
किस अर्थ का जीना
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समय के तांडव पर
थिरकते जीवन
बारिश की बूँदों को
तरसते सावन
किसने किया इतना
शुष्क आयोजन
किस अर्थ का जीना
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