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वन उपवन में
छाई मस्ती
धानी चुनर में
इतराए धरती
गंध सुगंध की
बहे बयार
जित देखूँ तित
छाई बहार
मद मस्त घटा
करे उच्चार
आने को है
रंगों का त्यौहार।
मं शर्मा( रज़ा)
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वन उपवन में
छाई मस्ती
धानी चुनर में
इतराए धरती
गंध सुगंध की
बहे बयार
जित देखूँ तित
छाई बहार
मद मस्त घटा
करे उच्चार
आने को है
रंगों का त्यौहार।
मं शर्मा( रज़ा)
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