अविस्मरणीय's image
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सुख दुख की परवाह न कर

ये तो आने जाने हैं

इन पलों का हिसाब रखले

ये लौट के फिर न आने हैं


समय की कुछ मधुर स्मृतियां

अविस्मरणीय हो जानी हैं

इन अप्रतिम क्षणों को जी ले

मौत तो निश्चित आनी है ।


मं शर्मा (रज़ा)

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