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शब्द जब अप्रासंगिक हो जाएँ
अर्थ अनर्थ करने लग जाएँ
आघात का अंदाजा असंभव होगा
स्वयं को जब छलने लग जाऐँ
आँखें जब पथराने लग जाएँ
साँसें आवा जाही भूल जाएँ
जीवन में लौटना संभव न होगा
जब प्रतीक्षा ही मृतप्राय हो जाए।
मं शर्मा (रज़ा)
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