अनथक's image
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झोंका कोई आया नहीं

मुझको बुझाया नहीं

रात दिन सुलग रहा हूँ

चिराग सा जल रहा हूँ


मौका कोई आया नहीं

मुझको बुलाया नहीं

अनथक जूझ रहा हूँ

मैं केवल दौड़ रहा हूँ।


मं शर्मा (रज़ा)

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