अनकही's image
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समय के प्रहार से

जिह्वा की कटार से

आँसुओं की धार से

उफनते मंझधार से

बच सका है भला कौन


अनकहे संवाद को

अनसुनी फरियाद को

अनसुलझे विवाद को

अनबूझे सवाल को

समझ सका है भला कौन।



मं शर्मा (रज़ा)

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