
Share0 Bookmarks 2 Reads0 Likes
बहुत गहरी हैं आँखें
बहुत गहरा इनका तल है
आँखों में झाँक कर
कोई ह्रदय तक पहुँचा है
आँखें हैं झील
ह्रदय धरातल है
ह्रदय की थाह न ले कोई
आँखों को पलकों से मूँदा है।
मं शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
बहुत गहरी हैं आँखें
बहुत गहरा इनका तल है
आँखों में झाँक कर
कोई ह्रदय तक पहुँचा है
आँखें हैं झील
ह्रदय धरातल है
ह्रदय की थाह न ले कोई
आँखों को पलकों से मूँदा है।
मं शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments