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प्यासी धरा बारिश को तरसे
अब के बरस न अंबर गरजे
उमड़ घुमड़ जब बादल बरसे
प्यार की सुगंध से मिट्टी महके
दूर दूर से
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प्यासी धरा बारिश को तरसे
अब के बरस न अंबर गरजे
उमड़ घुमड़ जब बादल बरसे
प्यार की सुगंध से मिट्टी महके
दूर दूर से
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