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दिल में कैद जज़बात कई
दबा रखे थे बड़ी तदबीरों से
बाँध कोई टूटा आज शायद
बह निकले दर्द धारों से
म
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दिल में कैद जज़बात कई
दबा रखे थे बड़ी तदबीरों से
बाँध कोई टूटा आज शायद
बह निकले दर्द धारों से
म
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