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वक्त अच्छा था
सब अच्छे थे
ज़रा सा बुरा हुआ
बहुत अच्छा हुआ
अजीज़ों के चेहरों से
कितने नकाब उतर गए ।
मं शर्मा (रज़ा)
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वक्त अच्छा था
सब अच्छे थे
ज़रा सा बुरा हुआ
बहुत अच्छा हुआ
अजीज़ों के चेहरों से
कितने नकाब उतर गए ।
मं शर्मा (रज़ा)
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