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जाने कब कैसे उतर गया दिल में
एक अहसास है दिखता कहाँ है
जाना पहचाना सा लगता है बहुत
जानता नहीं पर अजनबी कहाँ है
ख्वाबों में ख्यालों में रहे हरदम
पास है दिल के वो दूर कहाँ है
एक हूक सी उठती है रह रहकर
दिल में है तड़प पर दर्द कहाँ है ।
मं शर्मा (रज़ा)
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