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फूलों की नज़ाकत जैसी
अधरों पर मुस्कुराहट हो
जीवन की हर धड़कन में
खुशियों की मिलावट हो
उगता हुआ हर सवेरा
रोशनियों की आमद हो
जीवन में और क्या चाहिए
हर पल अगले पल की आहट हो।
मं शर्मा (रज़ा)
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