अहंकार's image
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स्वाभिमान हद से बढ़ा

अहंकार हो गया

हद से ज्यादा अमृत था

विषैला बन गया


संस्कार धरोहर तेरी

मर्यादा अलंकार है

मर्यादित जीवन जीना

सबसे बड़ा संस्कार है ।



मं शर्मा (रज़ा)

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