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दरिया के आगोश में महफूज़ कितनी
इन इतराती इठलाती लहरों को देखो
बढ़ती जा रही हैं मोहब्बत की राह पर
यकीं ने किया कितना बेखबर देखो।
मं शर्मा( रज़ा)
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दरिया के आगोश में महफूज़ कितनी
इन इतराती इठलाती लहरों को देखो
बढ़ती जा रही हैं मोहब्बत की राह पर
यकीं ने किया कितना बेखबर देखो।
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