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एक सैलाब हिलोरें मारता था मेरे भीतर
ये कौन भिगो गया मुझको अभी अभी
रह गए दीवार पर कुछ निशान बाकी
लगता है मेरी तस्वीर उतरी है अभी अभी ।
मं शर्मा( रज़ा)
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एक सैलाब हिलोरें मारता था मेरे भीतर
ये कौन भिगो गया मुझको अभी अभी
रह गए दीवार पर कुछ निशान बाकी
लगता है मेरी तस्वीर उतरी है अभी अभी ।
मं शर्मा( रज़ा)
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