
Share0 Bookmarks 20 Reads1 Likes
सुख दुख के बीच
झूलते रहना
दर्द की धूप में
सुख की छाँव तलाशना
खुशी में रोना
दुख में आँसू पीना
सब जिंदा होने के अहसास हैं
क्या तुमको ये आभास है
किनारे खड़े खड़े
डूबने के डर को जीना
कल की फिक्र में
आज से चिंतित होना
रात भर जागना
दिन में ख्वाबों के पीछे भागना
सब जिंदा होने के अहसास हैं
क्या तुमको ये आभास है ।
मं शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments