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इस तेज रफ्तार जिंदगी में , एक मौका मिला
उन गलियों से गुजरने का , जिन्हें छोड़कर निकल चला था
नए मौकों की तलाश में
खुशी का एहसास हुआ , जब उन राहों से निकला
राहें वही थी कुछ आशियाने नए दिखे
कुछ चेहरे पुराने दिखे , कुछ पुराने चेहरे नए से दिखे
कुछ मकान पुराने दिखे, वो स्कूल की तरफ जाती गलियां दिखी
वो दोस्तों के घर की तरफ जाती राहें दिखी
मालूम तो था की अब कोई दोस्त नहीं रहता यहां
पर उनके साथ बिताए पलों संग की सुगबुगाहट दिखी
कुछ बूढ़ी निगाहों में , अपनी पुरानी बातें दिखी
कुछ पुरानी दुकानों में, चीज़ें नई पर रौनक पुरानी दिखी
बस चलते रहने की चाहत
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