कहानी's image
Share0 Bookmarks 31146 Reads1 Likes

लड़खड़ाते कदमों ने आज, चलना सीख लिखा ।

सपने थे कई, आज उन्हें जीना सीख लिखा।

कहना तो कब से था, ये सब मगर ।

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts