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लड़खड़ाते कदमों ने आज, चलना सीख लिखा ।
सपने थे कई, आज उन्हें जीना सीख लिखा।
कहना तो कब से था, ये सब मगर ।
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लड़खड़ाते कदमों ने आज, चलना सीख लिखा ।
सपने थे कई, आज उन्हें जीना सीख लिखा।
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