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लिखना पसंद है, इसलिये लिखता हूँ
अपनी समझ, अपने एहसास को
लफ़्ज़ों में ढालने की कोशिश करता हूँ
अंदर का दर्द, कुछ अनकही बाते,
काग़ज़ पर सजा लेता हूँ
अपनी कविताओं में अक्सर
मै ख़ुद को ढूंढता रहता हूँ |
तुम कहती हो, पढ़कर सुनाओ
मै ढंग से पढ़ नही पाता हूँ
कभी तेज़, कभी बुदबुदाता हूँ
काग़ज़ पर लिख
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