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वैमनस्य के कांधे से ,
हिंसा की गोलियॉं चली
करुणा लहूलुहान हो गई
फिर भी गाँधी को कहां मार पाए
देखो आज वो चेतना,
हिंदुस्तान हो गई....
-ममता पंडित
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वैमनस्य के कांधे से ,
हिंसा की गोलियॉं चली
करुणा लहूलुहान हो गई
फिर भी गाँधी को कहां मार पाए
देखो आज वो चेतना,
हिंदुस्तान हो गई....
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