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ऐ दिल भी कितना नौटँकी है
जब तकलीफ है तो आँसू है
जो मुश्किल है उसकी आरज़ू है
जब दुविधा है तो अड़चन है
जब सादगी है तो बहकता मन है
जहा दर्द है वहां दिलग़ी
जीस रस्ते की कोई मंज़िल नहीं वह उम्मीद टिकी है
जो पास है वो न मंजूर है
जो चुना गया वो तो दूर है
जब इशारे पर नचाये कोई तो बाधा है
जब खुद का हो सिंघासन तो बाकी सारे प्यादा है
जब आज का जशन है तो कल की परेशानी
जब कल आजाता है तब याद ए बीती जवानी
जिसकी दुनिया दे कीमत उसका बेहद गुरुर है
जो अपना पेट भरे वो आमदनी तो लगता अब ब-दस्तूर है
जहा उलझन है वह चुनौती ढूंढ़ता है
जहा सुकून है वो पल हमे बे चैन करने लगता है
जहा पका पकाया भोजन है, वो नहीं है खाना
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