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तेरी मदहोश निगाहों का वो असर देखा
दिल के सहरा में मचलता हुआ सागर देखा
खिला नज़र में माहताब तेरी चाहत का
हर गली-कूचा रोशनाई का मंज़र देखा
कैसे मैं उनमें सनम इल्मे तसव्वुफ़ भर लूँ
जिन निगाहों ने तेरा ख्व़ाब हर पहर देखा
तुझको पाकर भी तमन्ना है तुझे पा
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