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घड़ी विरह की आयी है कृष्ण
साथ हमारा टूट गया
फिर भी क्यूँ न जाने
एहसास तेरा रह गया 
साथ हमारा टूट गया
फिर भी क्यूँ न जाने
एहसास तेरा रह गया 
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