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#क़िस्मत आज़माती रही
ख़ुद को आजमाता रहा।
#उम्र ढलती रही और
वक़्त गुज़रता रहा।
#नज़रों का नज़रिया था
&nb
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#क़िस्मत आज़माती रही
ख़ुद को आजमाता रहा।
#उम्र ढलती रही और
वक़्त गुज़रता रहा।
#नज़रों का नज़रिया था
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