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#लतीफ़ा सुनाना है।
मग़र यहाँ हँसना मना हैं।।
#जीना सिखाना है।
मग़र यहाँ सांस लेना मना हैं।।
#फ़र्ज़ निभाना है।
मग़र यहाँ रिश्ते कहाँ हैं।।
#दोस्ती निभानी है।
मग़र वो दोस्त कहाँ हैं।।
#शेर सुनाने हैं।
मग़र सुनने वाले कहाँ हैं।।
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