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#गुमां नहीं था तुझसे बिझड़ने का।
इसलिए कई दिन तक रोए नहीं थे।।
#याद है मुझे जब पहली बार छुआ था।
कई दिन तक मैने हाथ धोये नहीं थे।।
#तक पढ़े नहीं तेरे खतूत बंद हैं तखत मे।
#उसके तोड़ दूँ ताले जो अब तक खोले नहीं थे।।
खतूत--ख़त, चिठ्ठी, letter
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