
Share0 Bookmarks 24 Reads0 Likes
#सोचता हूँ तो सोच हार जाती है।
जब सोचता हूँ अब तुम नहीं हो।।
#पहले अक़्सर आ जाया करती थी।
अब ख़्वाबों मे भी नहीं आती हो।।
#कर्ज़ा थी या एहसान या दोनों।
दोनों सूरतों मे उतारी जाती हो।।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments