फ़ैसला's image
Share0 Bookmarks 23 Reads0 Likes

#क्या कभी ख़ुद से अपनी।

 ख़ुद की पहचान करा पाऊंगा।।

#क़लम घिसी काग़ज रंगे।

 चश्मा कब आँखों से हटाऊंगा।।

#अब आँखे मूंदना नींद भूल गयी।

 कब अपनी रात को अपना बनाऊँगा।।

#न दाद न सुनता कोई बेदख़ल।।

किया फ़ैसला अब शेर नहीं बनाऊँगा।।

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts