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#नहीं मिल रहे चश्मा और क़लम
रख के कहीं भूल जाता हूँ मै।
#अक्सर आवाज़ आती है यूँही
घर मे कोई है भूल जाता हूँ मै।
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#नहीं मिल रहे चश्मा और क़लम
रख के कहीं भूल जाता हूँ मै।
#अक्सर आवाज़ आती है यूँही
घर मे कोई है भूल जाता हूँ मै।
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