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#पहले ऐसा न था पर कब क्यूँ है।
क़त्ल सामने हुआ सब ख़ामोश क्यूँ हैं।।
#सब ज़ाहिर है मग़र अनजान क्यूँ हैं।
गुनहगार बेगुनाह, बेगुनाह गुनहगार क्यूँ है।।
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#पहले ऐसा न था पर कब क्यूँ है।
क़त्ल सामने हुआ सब ख़ामोश क्यूँ हैं।।
#सब ज़ाहिर है मग़र अनजान क्यूँ हैं।
गुनहगार बेगुनाह, बेगुनाह गुनहगार क्यूँ है।।
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