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रोज़ गार्डन से सफर तेरा ओयो तक
प्यार क्या खाक करोगे।
सूरज के सपने देखते हो,
तुम जुगनू के मानिंद
गुलजार क्या खाक करोगे।
पैसे अब पेड़ पर नही पेटीएम पर लगते हैं।
इनकार क्या खाक करोगे!
तुम यूं जो मचलते हो दिन रात,
सबको सब पता है,
बेकरार क्या खाक करोगे।
वीडियो कॉल की जिंदगी,व्हाट्सएप की चैट है बस!
फ़िल्टर वाली डी पी है,
दीदार क्या खाक करोगे।
इंस्टा के है लाइक देखते,
स्टेटस तेरा अपडेट है!
ठुमके लगते हैं क्लास के बाहर
धिक्कार क्या खाक करोगे!
हीर रांझा, लैला मजनू,शीरी फरहाद
गायब हैं अब
हो नही तुम 'रंगा'
दिलदार क्या खाक करोगे।
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